उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूर्व मुख्यमंत्री एवं सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव
योगी की इमेज की काट ढूढ़ रहे हैं अखिलेश यादव
उत्तर प्रदेश विधान सभा का अगला चुनाव फरवरी 2027 में होने वाला है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सत्ता में लौटने के लिए सारे जतन करने में लगे हैं। पर उनके सामने कई बड़ी चुनौतियां हैं। वह बीजेपी और आरएसएस के संगठन तक ढांचे के बराबर पीडीए खड़ा करने में लगे हैं, लेकिन अगले चुनाव में सबसे बड़ी बाधा मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी हैं। अखिलेश यादव अभी तक योगी की इमेज की काट नहीं ढूंढ पाए हैं और यही उनकी चिन्ता का सबसे बड़ा विषय है। अब अखिलेश यादव यह मुद्दा उठाने का प्रयास कर रहे हैं कि योगी आदित्यनाथ उत्तरप्रदेश के नहीं हैं, वह दूसरे राज्य से आए हैं।
यह सच है कि योगी आदित्य नाथ का जन्म उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में हुआ था, लेकिन यह भी सच है कि योगी आदित्य नाथ किशोरावस्था से ही उत्तर प्रदेश में गोरखनाथ मठ के स्थाई सदस्य हैं और वह महंत अवैद्यनाथ उत्तराधिकारी हैं। समय के साथ उनकी राजनीतिक यात्रा भी उत्तरप्रदेश के गोरखपुर से शुरू हुईं और पहली बार 1998 के लोकसभा चुनाव में गोरखपुर के सांसद चुने गए। वह गोरखपुर लोकसभा सीट से लगातार पांच बार चुनाव में जीत कर अपना लोहा मनवा चुके हैं।
अब अखिलेश यादव का यह बयान कि योगी घुसपैठिए हैं, बाहर से आये हैं, बचकाना लगता है। यह बयान उत्तर प्रदेश की जनता को भ्रमित करने का एक प्रयास मात्र लगता है। क्योंकि भारत के एक राज्य का व्यक्ति किसी दूसरे राज्य में जाकर राजनीति कर सकता है, और इसके कई उदाहरण भी हमारे सामने हैं। नारायण दत्त तिवारी उत्तराखंड के होते हुए उत्तर प्रदेश में तीन बार मुख्यमंत्री पद पर विराजमान रहें। वह 2002 में उत्तराखंड के भी मुख्यमंत्री बने। डॉ मनमोहन सिंह 2004 से 2014 तक दस साल प्रधानमंत्री रहें। वे मूल रूप से पंजाब के थे, लेकिन राज्यसभा सांसद के रूप में लागातर पांच बार असम से चुने गए। स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुजरात से होते हुए भी, 2014 से लगातार उत्तरप्रदेश के काशी से सांसद चुने जा रहे हैं।
योगी आदित्यनाथ पहली बार 19 मार्च 2017 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनें और दूसरी बार 25 मार्च 2022 को। भाजपा की सरकार का नेतृत्व कर रहे योगी आदित्य नाथ अपना दूसरा कार्यकाल पूरा करने की ओर अग्रसर हैं। सख्त प्रशासनिक फैसले के कारण यूपी की जनता उन्हें बुलडोजर बाबा कहने लगी है। योगी आदित्य नाथ अवैध निर्माण, माफियाओं और अपराधियों के खिलाफ बेहद कठोर नजरिया रखते हैं और इसे जनता खूब सराहती भी है। अब उन्हें दूसरे राज्यों के लिए एक उदाहरण के तौर पर पेश किया जाता है। एंटी-रोमियो स्कवॉड का गठन,माफियाओं , अपराधियों पर कड़ा एक्शन तथा एनकाउंटर पॉलिसी के जरिए उन्होंने उत्तर प्रदेश में सुशासन स्थापित किया है।
योगी केवल डंडे के बल पर ही सरकार नहीं चला रहे , बल्कि बहुत सारे काम जनता के हित के भी किये हैं। उन्होंने बिजली व्यवस्था सुदृढ की है, स्वास्थ और शिक्षा का स्तर ऊंचा किया है। अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो चुका है और सबको मकान भी दिए जा रहे हैं। अब जेवर अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट का निर्माण कार्य पूरा होने को है , लखनऊ एवं वाराणसी को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है। हालांकि अखिलेश यादव लगातार भाजपा की नीतियों की आलोचना कर रहे हैं, जनता के बीच जाकर सरकार को घेरने का भी प्रयास कर रहे हैं, लेकिन योगी की कडक और बेदाग छवि की काट नहीं ढूंढ पा रहे हैं।
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