बिहार विधान सभा चुनाव, इन सीटों पर होगा महा मुकाबला

बिहार विधान सभा चुनाव, इन सीटों पर होगा महा मुकाबला

उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी एवं तेजस्वी यादव

बिहार विधान सभा चुनावइन सीटों पर होगा महा मुकाबला

बिहार विधानसभा चुनाव की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है और राजनीतिक सरगर्मी अपने चरम पर है। प्रमुख गठबंधनोंएनडीए और महागठबंधनने अधिकतर सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। इस बार कई सीटों पर भाजपा, जेडीयू, आरजेडी और अन्य दलों के बीच कड़ा मुकाबला होने की संभावना जताई जा रही है। आइए कुछ प्रमुख सीटों पर नजर डालते हैं, जहां मुकाबला बेहद रोचक होने वाला है।

मोकामा विधानसभा सीट

मोकामा सीट पर इस बार मुकाबला बेहद दिलचस्प हो गया है। एनडीए की ओर से: जेडीयू ने बाहुबली नेता अनंत सिंह को टिकट दिया है, जिन्होंने 14 अक्टूबर को नामांकन किया। महागठबंधन की ओर से: आरजेडी ने वीणा देवी को उम्मीदवार बनाया है, जो लोजपा के पूर्व सांसद सूरजभान सिंह की पत्नी हैं। वीणा देवी पहले मुंगेर से सांसद रह चुकी हैं । अनंत सिंह का इस क्षेत्र पर लंबा दबदबा रहा है। 2022 में उनकी विधायकी एके-47 मामले में रद्द होने के बाद उनकी पत्नी नीलम देवी ने आरजेडी टिकट पर उपचुनाव जीता था। यहां रोचक में कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा। 

तारापुर विधानसभा सीट 

 तारापुर सीट से भाजपा ने अपने वरिष्ठ नेता और वर्तमान उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी  को मैदान में उतारा है। वे कुशवाहा समुदाय के प्रभावशाली नेता हैं और पूर्व में कृषि मंत्री भी रह चुके हैं। यहां महागठबंधन ने अब तक अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। हालांकि भाजपा का पलड़ा इस सीट पर अभी तक मजबूत माना जा रहा है, लेकिन अंतिम तस्वीर महागठबंधन की रणनीति पर भी निर्भर करेगी।

राघोपुर विधानसभा सीट 

आरजेडी नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव एक बार फिर राघोपुर से चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा  ने उनके खिलाफ सतीश यादव को मैदान में उतारा है, जिन्होंने 2010 में राबड़ी देवी को हराया था। जन सुराज पार्टी ने चंचल सिंह को प्रत्याशी बनाया है, हालांकि पहले यह अटकलें थीं कि प्रशांत किशोर खुद चुनाव लड़ेंगे। तेजस्वी यादव को क्षेत्र में कम उपस्थिति, कोर्ट मामलों तथा विकास कार्यों की कमी के कारण चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

सिवान विधानसभा सीट

 सिवान सीट से भाजपा ने वरिष्ठ नेता मंगल पांडेय को टिकट दिया है। वे भृगु बलिया गांव से हैं और 1987 में एबीवीपी से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी। वे पूर्व में स्वास्थ्य मंत्री रह चुके हैं और इस बार भी यह जिम्मेदारी निभा रहे हैं। सिवान में फिलहाल भाजपा का पलड़ा भारी माना जा रहा है, लेकिन महागठबंधन के प्रत्याशी की घोषणा बाकी है, जिससे मुकाबले किस तरफ लेगा यह कहना अभी कठिन है।

बिहार विधानसभा चुनाव इस बार कई सीटों पर बेहद दिलचस्प होने वाले हैं। मोकामा, तारापुर, राघोपुर और सिवान जैसी सीटों पर हाई-प्रोफाइल उम्मीदवारों के बीच मुकाबले से चुनावी तापमान बढ़ गया है। अब देखना यह होगा कि जनता किसे अपना प्रतिनिधि चुनती है।

 

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