राहुल गांधी चुनाव से ठीक पहले कहां गायब हैं?
महागठबंधन से फाइनल लिस्ट का इंतजार जारी है
राहुल गांधी ने चुनाव से पहले बिहार में 16 दिनों की वोटर अधिकार यात्रा की शुरुआत बड़े जोश-खरोश के साथ की थी। इस यात्रा में उन्होंने चुनाव में धांधली, मतदाता सूची में सुधार जैसे मुद्दों को जोर-शोर से उठाया, जिससे वह सुर्खियों में भी रहे। लेकिन उसके बाद अचानक वह चुनावी मंच से गायब हो गए, जिससे यह सवाल उठने लगे हैं कि आख़िर चुनाव से ठीक पहले वह कहाँ हैं? लोगों की नजरों में भी वह अब उतने सक्रिय नहीं दिख रहे हैं।
यात्रा के आरंभिक चरण में राहुल गांधी इतने आक्रामक तेवर में नजर आए कि उन्होंने महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के दावेदार तेजस्वी यादव को कोई विशेष महत्व नहीं दिया, न ही उन्हें मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में प्रस्तुत किया। जिस तरह से राहुल गांधी ने शुरुआती दिनों में चुनावी भूमिका निभाई, उसके बाद अचानक उनकी अनुपस्थिति यह संकेत देती है कि शायद वह अपनी यात्रा, प्रचार या रणनीति से संतुष्ट नहीं हैं।
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी 27 सितम्बर को, बिहार विधानसभा चुनाव से पूर्व, दक्षिण अमेरिका के चार देशों की यात्रा पर गए थे। इस दौरे के तहत उन्होंने ब्राज़ील, कोलंबिया, पेरू और चिली की यात्रा की। इस यात्रा का उद्देश्य भारत और दक्षिण अमेरिकी देशों के बीच रणनीतिक, व्यापारिक और लोकतांत्रिक संबंधों को और अधिक गहरा बनाना था।
भाजपा ने इस यात्रा को लेकर तीखा हमला किया और आरोप लगाया कि राहुल गांधी भारत-विरोधी वैश्विक गठबंधन बनाने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं कांग्रेस की ओर से कहा गया कि इस यात्रा से व्यापार और निवेश के अवसरों में वृद्धि हो सकती है तथा भारत की वैश्विक उपस्थिति और अधिक सशक्त होगी।
मिली जानकारी के अनुसार, राहुल गांधी 14 अक्टूबर को शिमला गए थे। वहीं बिहार चुनाव को लेकर दिल्ली में आयोजित एक अहम बैठक में उन्होंने केवल ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज कराई। उल्लेखनीय है कि बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी 13 अक्टूबर को आईआरसीटीसी केस के सिलसिले में दिल्ली आए थे, लेकिन उस दौरान राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के बीच कोई मुलाकात नहीं हुई। यह भी चुनावी समन्वय को लेकर असंतोष की भावना को दर्शाता है।
बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के नामांकन की अंतिम तिथि 17 अक्टूबर है, और अब केवल दो दिन शेष हैं। इसके बावजूद महागठबंधन की ओर से अब तक उम्मीदवारों की अंतिम सूची जारी नहीं की गई है। कांग्रेस महागठबंधन का प्रमुख घटक दल है, और राहुल गांधी को ऐसे समय में उन कार्यक्रमों में हिस्सा लेना चाहिए, जिनसे गठबंधन में शामिल अन्य दलों के हितों को नुकसान न पहुंचे। इसी संतुलन को साधते हुए उनका मंच से दूरी बनाना, कांग्रेस और महागठबंधन दोनों के लिए चिंता का विषय है।
मीडिया और आम जनता को चुनाव के समय बड़े नेताओं की नियमित उपस्थिति की अपेक्षा रहती है। ऐसे में अगर कोई बड़ा नेता अपेक्षित कार्यक्रमों से गायब रहता है, तो उसे गायब कहना स्वाभाविक हो जाता है, भले ही वह पर्दे के पीछे अपने कार्यों में सक्रिय क्यों न हों।
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