गायिका मैथिली ठाकुर तथा भोजपुरी फिल्म अभिनेता खेसारी लाल यादव
हर सीट पर कांटे की टक्कर, नए दल बिगाड़ सकते हैं समीकरण
बिहार विधानसभा चुनाव इस बार बेहद रोचक होने वाला है। जहां पहले के चुनावों में मुख्य रूप से एनडीए और महागठबंधन के बीच सीधा मुकाबला देखने को मिलता था, वहीं इस बा र कई नए और छोटे दलों की सक्रियता ने मुकाबले को और अधिक पेचीदा बना दिया है। इस बार जन सुराज पार्टी, तेज प्रताप यादव की जनशक्ति जनता दल, AIMIM सहित कई अन्य दलों की मौजूदगी ने चुनावी समीकरणों को जटिल बना दिया है।
इसके अलावा विभिन्न गठबंधनों में टिकट वितरण को लेकर उपजा असंतोष भी अंदरूनी स्तर पर उथल-पुथल मचा रहा है, जो मुख्य पार्टियों के लिए चुनौती बन सकता है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस बार का चुनाव हर सीट पर कड़ा मुकाबला पेश करेगा, और पारंपरिक जीत-हार के व्यवस्था को भी तोड़ सकता है।
छपरा विधानसभा: कांटे की टक्कर, नई चेहरे और बगावत ने बदले समीकरण
छपरा विधानसभा को एक महत्वपूर्ण सीट माना जाता है। इस बार जहां राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने भोजपुरी फिल्म अभिनेता खेसारी लाल यादव को नया चेहरा बनाकर मैदान में उतारा है, वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मौजूदा विधायक डॉ. सी. एन. गुप्ता की जगह छोटी कुमारी को अपना प्रत्याशी बनाया है। यह सीट पिछले 15 वर्षों से भाजपा के कब्जे में रही है। लेकिन छोटी कुमारी को टिकट दिए जाने के फैसले से असंतुष्ट पूर्व मेयर राखी गुप्ता ने बगावत करते हुए निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल कर दिया है। इधर, जन सुराज पार्टी ने पूर्व आईपीएस अधिकारी जय प्रकाश सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है। इन सबके चलते इस बार छपरा विधानसभा क्षेत्र में कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है।
मधेपुरा विधानसभा: राजद का गढ़, अब सियासी संग्राम का केंद्र
बिहार की राजनीति में यादव परिवार का आंतरिक कलह अब मधेपुरा सीट पर भी दिखाई दे रहा है। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने पार्टी से अलग होकर इस सीट से अपना उम्मीदवार उतार दिया है, जबकि यह सीट 2010 से लगातार राजद के कब्जे में रही है। राजद ने यहां से संजय यादव को उम्मीदवार बनाया है, जिससे यह सीट लालू और तेजस्वी यादव के लिए प्रतिष्ठा का विषय बन गई है। इधर, जन सुराज पार्टी ने शशि कुमार यादव को प्रत्याशी बनाया, जबकि आम आदमी पार्टी ने साहूगढ़ पंचायत के मुखिया मुकेश यादव को मैदान में उतारा है। यह सीट यादव बहुल मानी जाती है, जहां लगभग 28 प्रतिशत यादव मतदाता हैं।
मधेपुरा सीट से इस बार जनता दल यूनाइटेड ने यादव जाति से किसी को टिकट न देकर अति पिछड़ा वर्ग की महिला कविता कुमारी साहा को उम्मीदवार घोषित किया है। जेडीयू ने इस रणनीति के तहत मधेपुरा सीट को अपने पक्ष में करने का प्रयास किया है।
दरभंगा की अलीनगर विधानसभा सीट दिलचस्प मोड़ पर खड़ा
दरभंगा जिले की अलीनगर विधानसभा सीट इस बार बेहद दिलचस्प मोड़ पर है। भारतीय जनता पार्टी ने पहली बार इस सीट से लोकप्रिय लोक गायिका मैथिली ठाकुर को उम्मीदवार बनाया है। वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से भाजपा की सहयोगी विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के टिकट पर मिश्रीलाल यादव ने जीत दर्ज की थी। बाद में वे भाजपा में शामिल हो गए। हालांकि एक पुराने मामले में दो साल की सजा सुनाए जाने के चलते उनकी विधायकी रद्द हो गई।
इस बार टिकट वितरण को लेकर स्थानीय भाजपा कार्यकर्ताओं में नाराजगी देखी जा रही है। भाजपा से टिकट न मिलने पर संजय सिंह उर्फ पप्पू सिंह ने बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। दोनों ही उम्मीदवारों ने आज नामांकन दाखिल करने की बात कही है। मैथिली ठाकुर की उम्मीदवारी को लेकर भाजपा के स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं ने विरोध जताना शुरू कर दिया है। इससे पार्टी के अंदर खेमेबंदी के संकेत मिल रहे हैं।
इधर, महागठबंधन और जन सुराज पार्टी ने अभी तक अलीनगर सीट के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है, जिससे राजनीतिक समीकरण फिलहाल अधूरे हैं। कुल मिलाकर, अलीनगर विधानसभा सीट पर इस बार कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है।
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