वो खिलाड़ी जिसने पहली दो टेस्ट पारियों में ही शतक जड़कर धमाका किया था, अब टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह चुका है। रोहित शर्मा का ये फैसला सिर्फ एक संन्यास नहीं, बल्कि एक युग का अंत है। कप्तानी से लेकर बल्लेबाज़ी तक, उन्होंने हर भूमिका में भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाई दी। शांत स्वभाव और गहरी सोच के साथ उन्होंने मैदान पर जो योगदान दिया, वो हमेशा याद रखा जाएगा। अब जब वह सफेद जर्सी में नजर नहीं आएंगे, सवाल यही है—क्या उनकी जगह भर पाएगी?
भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा। (फोटो- सोशल मीडिया)
Rohit Sharma test career: 7 मई 2025, भारतीय क्रिकेट के इतिहास में दर्ज होने वाला एक ऐतिहासिक दिन। इस दिन भारतीय टीम के कप्तान रोहित शर्मा ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी। एक युग, जो 2013 में कोलकाता के ईडन गार्डन्स से शुरू हुआ था, अब अपने अंतिम मोड़ पर आ चुका है। यह सिर्फ एक संन्यास नहीं है, बल्कि उस कहानी का अंत है, जिसमें एक युवा बल्लेबाज़ ने टेस्ट क्रिकेट में अपनी पहली दो पारियों में शतक ठोककर पूरी दुनिया को चौका दिया था।
2013 में जब रोहित शर्मा ने वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया, तो शायद ही किसी ने सोचा होगा कि यह खिलाड़ी एक दिन भारतीय टीम का नेतृत्व करेगा। अपने पहले ही टेस्ट में उन्होंने 177 रन बनाए और अगले टेस्ट में फिर से शतक जड़ा। उस समय उनकी बल्लेबाज़ी में संयम, तकनीक और आक्रामकता का ऐसा मेल देखने को मिला, जिसने उन्हें लंबे फॉर्मेट का गंभीर खिलाड़ी बना दिया।
11 साल के टेस्ट करियर में रोहित शर्मा ने 67 टेस्ट खेले, 4,301 रन बनाए, 12 शतक और 18 अर्धशतक जमाए। उनका औसत 40.57 रहा – जो यह दर्शाता है कि उन्होंने टेस्ट क्रिकेट को कितना गंभीरता से लिया। उनका सर्वोच्च स्कोर 212 रन रहा, और उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 88 छक्के जड़कर यह भी दिखा दिया कि वह पारंपरिक क्रिकेट में भी मनोरंजन की भरपूर खुराक देते हैं।
वे सिर्फ रन बनाने वाले खिलाड़ी नहीं थे, बल्कि एक ऐसे दिमाग वाले कप्तान भी थे, जिसने मैदान पर टीम को नई रणनीति दी। जब उन्होंने 2022 में विराट कोहली से कप्तानी संभाली, तो भारत कई बदलावों के दौर से गुजर रहा था। इसके बावजूद उन्होंने टीम को 24 टेस्ट में नेतृत्व दिया, जिसमें से 12 मैच भारत ने जीते।
हालांकि पिछले एक साल में उनका फॉर्म चिंता का विषय बन गया था। 15 पारियों में सिर्फ एक अर्धशतक और औसत 10.93 – ये आंकड़े उनके लिए असहज थे। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज़ में मात्र 91 रन बनाकर उन्हें सिडनी टेस्ट से बाहर बैठना पड़ा। तब उन्होंने कहा था – “मैं कहीं नहीं जा रहा हूं।” लेकिन क्रिकेट की दुनिया जानती है, जब खिलाड़ी भीतर से निर्णय ले लेता है, तब सिर्फ औपचारिकता बाकी रह जाती है।
और फिर, 7 मई को इंस्टाग्राम पर एक भावुक तस्वीर के साथ उन्होंने ऐलान कर दिया – “सफेद जर्सी में अपने देश का प्रतिनिधित्व करना मेरे लिए गर्व की बात रही है।” रोहित ने इंस्टाग्राम पर अपनी टेस्ट कैप की तस्वीर साझा करते हुए लिखा, "मैं टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले रहा हूं। सफेद जर्सी में अपने देश का प्रतिनिधित्व करना मेरे लिए सम्मान की बात रही है। इतने वर्षों में मिले प्यार और समर्थन के लिए धन्यवाद। मैं वनडे प्रारूप में भारत का प्रतिनिधित्व करना जारी रखूंगा" ।
इससे पहले 29 जून 2024 को, उन्होंने टी20 इंटरनेशनल से भी विदाई ली थी। वह क्षण बेहद गौरवपूर्ण रहा, जब उन्होंने दक्षिण अफ्रीका को हराकर भारत को 17 साल बाद टी20 विश्व कप दिलाया था। रोहित ने उस प्रेस कॉन्फ्रेंस में नम आंखों से कहा था, "यह मेरा आखिरी मैच था, और इससे बेहतर विदाई कोई नहीं हो सकती।"
उनका टी20 करियर भी लाजवाब रहा –
एक ऐसा बल्लेबाज जिसने 2007 में अपने पहले विश्व कप में इंग्लैंड के खिलाफ अर्धशतक से शुरुआत की थी, उसने 2024 में खिताब के साथ विदाई ली।
टेस्ट और टी20 से संन्यास लेने के बावजूद रोहित शर्मा ने यह स्पष्ट किया है कि वह वनडे प्रारूप में भारत का प्रतिनिधित्व करते रहेंगे। 264 रनों की ऐतिहासिक पारी, तीन दोहरे शतक और 2023 विश्व कप के फाइनल में टीम को पहुंचाना – ये सारी उपलब्धियां उन्हें वनडे का ‘हिटमैन’ बनाती हैं। 2025 में भारत को चैंपियंस ट्रॉफी जिताकर उन्होंने अपने आलोचकों को फिर से चुप करा दिया।
अब बड़ा सवाल यह है – टेस्ट क्रिकेट में भारत का अगला कप्तान कौन होगा? जसप्रीत बुमराह, ऋषभ पंत, शुभमन गिल और लोकेश राहुल जैसे नाम चर्चा में हैं। विशेषज्ञों की मानें तो युवा ऊर्जा और लंबी कप्तानी को ध्यान में रखते हुए शुभमन गिल सबसे उपयुक्त विकल्प नजर आते हैं।
हालांकि बुमराह का अनुभव और राहुल की स्थिरता भी नजरअंदाज नहीं की जा सकती। बीसीसीआई इस पर जल्द ही फैसला लेने वाली है।
रोहित के संन्यास की खबर के बाद क्रिकेट जगत से प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई। बीसीसीआई ने कहा – “यह सिर्फ एक संन्यास नहीं, बल्कि एक युग का अंत है।”रवि शास्त्री ने ट्वीट किया – “रोहित ने भारतीय क्रिकेट को स्थिरता दी। अब युवाओं की बारी है कि वे इस विरासत को आगे ले जाएं।”
क्रिकेट सिर्फ रन और रिकॉर्ड का खेल नहीं है। यह नेतृत्व, दबाव और भावनाओं का खेल भी है – और रोहित शर्मा इन सभी में अव्वल साबित हुए। एक कप्तान जिसने 2024 में भारत को नाबाद रहते हुए टी20 वर्ल्ड कप जिताया, 2023 में टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचाया, और 2025 में चैंपियंस ट्रॉफी भारत की झोली में डाली – उसे सिर्फ एक बल्लेबाज़ कह देना गलत होगा।
उनकी शांत प्रकृति, विकेट के पीछे की रणनीति, गेंदबाज़ों से संवाद, और बल्लेबाज़ों में आत्मविश्वास भरना – इन सबने उन्हें भारतीय क्रिकेट का ‘सोचने वाला कप्तान’ बना दिया।
रोहित शर्मा का टेस्ट क्रिकेट से संन्यास एक ऐसा अध्याय बंद करता है, जिसमें जुनून, संयम, नेतृत्व और सम्मान की एक लंबी यात्रा थी। उन्होंने भारत को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया और युवा खिलाड़ियों के लिए वह एक प्रेरणा बनकर उभरे।
अब जब वे सिर्फ सफेद जर्सी नहीं पहनेंगे, तब भी भारतीय क्रिकेट के दिल में वे हमेशा ‘हिटमैन’ बने रहेंगे – एक ऐसा खिलाड़ी, जिसने हर फॉर्मेट में छाप छोड़ी।
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