पार्टी चाहती है कि नए अध्यक्ष के नाम पर सभी गुटों की सहमति बने, ताकि आंतरिक कलह से बचा जा सके।
बीजेपी के नए अध्यक्ष को लेकर की तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। (फोटो- सोशल मीडिया)
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अपने नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर धीमी प्रक्रिया से गुजर रही है। संगठनात्मक चुनावों की गति सुस्त है, और पार्टी के भीतर सर्वसम्मति बनाने की कोशिशें जारी हैं। 12 राज्य प्रमुखों की नियुक्ति हो चुकी है, लेकिन नए अध्यक्ष के चुनाव के लिए 18 राज्य प्रमुखों की आवश्यकता है। यह प्रक्रिया जनवरी तक पूरी होने की उम्मीद थी, लेकिन अब इसमें और देरी हो सकती है।
भाजपा के संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए आधे से अधिक राज्यों में संगठनात्मक चुनाव पूरे होने चाहिए। हालांकि, हाल ही में दिल्ली चुनाव और अन्य राज्यों में संगठनात्मक प्राथमिकताओं के कारण इस प्रक्रिया में रुकावट आई है।
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार, "दिल्ली चुनावों के कारण भाजपा का पूरा ध्यान राष्ट्रीय राजधानी पर था। कुछ नेता, जो राज्यों में संगठनात्मक चुनावों को देख रहे थे, उन्हें दिल्ली में प्रचार और प्रबंधन की जिम्मेदारी दे दी गई थी।"
पार्टी में इस बात पर भी चर्चाएं हैं कि नए अध्यक्ष को लेकर अंदरूनी सहमति नहीं बन पा रही है। कई वरिष्ठ नेता इस पद के लिए संभावित उम्मीदवार माने जा रहे हैं, लेकिन अंतिम फैसला अभी तक नहीं हुआ है।
झारखंड के एक भाजपा नेता ने चुटकी लेते हुए कहा, "रेलवे स्टेशन से कुछ दूरी पर ट्रेन रुक जाती है क्योंकि स्टेशन पर तैयारी पूरी नहीं होती। ट्रेन सिग्नल का इंतजार करती है। हम भी सिग्नल का इंतजार कर रहे हैं।"
ओडिशा, बिहार, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में बूथ और मंडल स्तर के चुनाव लगभग पूरे हो चुके हैं, लेकिन जिला और राज्य स्तर पर निर्णय लंबित हैं। उत्तर प्रदेश के एक वरिष्ठ भाजपा नेता के अनुसार, "मंडल अध्यक्ष बनने के लिए इतनी हो-हल्ला मची थी कि कोई सोच सकता था कि यह विधानसभा चुनाव है। जिला अध्यक्ष को लेकर मची हो-हल्ला लोकसभा चुनाव के समान है।"
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पार्टी नेतृत्व एक ऐसे चेहरे की तलाश में है जो भाजपा के लिए सबसे प्रभावी साबित हो सके। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि पार्टी किसी नए चेहरे को मौका देगी या जेपी नड्डा का कार्यकाल बढ़ाया जाएगा।
भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को अब जल्द से जल्द संगठनात्मक चुनावों को पूरा करना होगा ताकि आगे चुनावों की तैयारियों में कोई बाधा न आए। पार्टी को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि नए अध्यक्ष के नाम पर सभी गुटों की सहमति बने, ताकि आंतरिक कलह से बचा जा सके।
Chose One of the Following Methods.
Sign in Using Your Email Address
Allow Election Mantra to send latest news notifications.