ट्रंप के शपथ ग्रहण के तुरंत बाद डीओजीई ने फैसला लिया कि अब इसे केवल एलन मस्क संभालेंगे, और विवेक रामास्वामी इससे बाहर हो गए। यह निर्णय आते ही सवाल उठने लगे कि क्या मस्क और रामास्वामी के बीच मतभेद थे।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह योजना व्यावहारिक से अधिक काल्पनिक है। (Photo - Social Media)
डोनाल्ड ट्रंप ने 2024 में राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएन्सी (डीओजीई) के गठन की घोषणा की। इस टास्क फोर्स का उद्देश्य सरकारी खर्चों में कटौती करना और गैर-जरूरी एजेंसियों को बंद करने की योजना तैयार करना है। इस महत्वपूर्ण जिम्मेदारी के लिए उन्होंने टेस्ला और स्पेसएक्स के मालिक एलन मस्क और भारतीय मूल के उद्यमी विवेक रामास्वामी को चुना। ट्रंप ने मस्क को 'ग्रेट एलन मस्क' और रामास्वामी को 'देशभक्त अमेरिकी' बताया।
हालांकि, ट्रंप के शपथ ग्रहण के तुरंत बाद डीओजीई ने फैसला लिया कि अब इसे केवल एलन मस्क संभालेंगे, और विवेक रामास्वामी इससे बाहर हो गए। यह निर्णय आते ही सवाल उठने लगे कि क्या मस्क और रामास्वामी के बीच मतभेद थे।
डीओजीई से हटाए जाने पर विवेक रामास्वामी ने कहा, "यह गर्व की बात है कि मैंने डीओजीई के गठन में मदद की। मुझे विश्वास है कि एलन और उनकी टीम अपने उद्देश्य में सफल होंगे। मैं जल्द ही अपनी अगली योजनाओं की घोषणा करूंगा।" उन्होंने राष्ट्रपति ट्रंप को अमेरिका को फिर से महान बनाने के लिए अपना समर्थन जारी रखने की बात कही।
डीओजीई को ट्रंप ने एक गैर-सरकारी टास्क फोर्स के रूप में स्थापित किया है। इसका मुख्य काम सरकारी खर्चों में कटौती के साथ गैर-जरूरी एजेंसियों को बंद करने की रणनीति तैयार करना है। एलन मस्क और विवेक रामास्वामी ने पहले ही फेडरल बजट में दो ट्रिलियन डॉलर की कटौती का लक्ष्य रखा था। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यह योजना व्यावहारिक से अधिक काल्पनिक है।
कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, रामास्वामी और मस्क के बीच असमानता की वजह से डीओजीई में यह बदलाव हुआ। न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा कि मस्क की संपत्ति और प्रतिष्ठा रामास्वामी की तुलना में कहीं अधिक है। मस्क की कुल संपत्ति 449 अरब डॉलर है, जबकि रामास्वामी की 96 करोड़ डॉलर।
इसके अलावा, रामास्वामी के एच-1बी वीजा पर दिए गए बयान ने ट्रंप समर्थकों को नाराज कर दिया। रामास्वामी ने उच्च कौशल वाले विदेशी कर्मचारियों को समर्थन देते हुए कहा था कि "अमेरिकी संस्कृति औसत दर्जे को बढ़ावा दे रही है, जबकि हमें प्रतिभाशाली लोगों को प्रोत्साहित करना चाहिए।"
39 वर्षीय विवेक रामास्वामी का जन्म ओहायो में भारतीय प्रवासी परिवार में हुआ। उन्होंने हार्वर्ड और येल से पढ़ाई की और बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में करोड़ों रुपये कमाए। वह 'रोयवेंट साइंसेज' नामक बायोटेक कंपनी और एक इन्वेस्टमेंट फर्म के सह-संस्थापक हैं। विवेक की पत्नी अपूर्वा मेडिकल सर्जन हैं और उनका परिवार ओहायो में रहता है।
रामास्वामी अब ओहायो के गवर्नर चुनाव में उतरने की तैयारी कर रहे हैं। इसके अलावा, जेडी वांस के उपराष्ट्रपति बनने के बाद खाली हुई अमेरिकी सीनेट सीट पर उनकी उम्मीदवारी की चर्चा है।
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