सैफ अली खान पर हुए हमले ने न केवल उनकी सुरक्षा बल्कि मुंबई की कानून-व्यवस्था और चिकित्सा प्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए। राजनेताओं के बयानों ने मामले को और जटिल बना दिया।
संजय निरुपम, सैफ अली खान और संजय राउत। (फोटो- सोशल मीडिया)
बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान पर हुए हमले के बाद घटनाक्रम ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। उनके स्वास्थ्य को लेकर हो रही चर्चा और इसे लेकर उठाए गए विवाद ने पूरे मामले को सुर्खियों में ला दिया है। सैफ अली खान 16 जनवरी को हुए हमले के बाद अस्पताल में भर्ती थे और छह दिन बाद 21 जनवरी को घर लौट आए। लेकिन इस पूरे मामले में राजनेताओं और प्रशंसकों के बीच अलग-अलग प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं।
16 जनवरी को अभिनेता सैफ अली खान पर उनके घर में हमला हुआ। आरोपी मोहम्मद शरीफुल इस्लाम शहजाद, जो बांग्लादेशी नागरिक है, ने कथित तौर पर सैफ पर चाकू से हमला किया। हमले में चाकू सैफ की पीठ में 2.5 इंच तक घुस गया, जिसके चलते उन्हें तुरंत मुंबई के लीलावती अस्पताल ले जाया गया। यहां छह घंटे तक सर्जरी चली।
सैफ को अस्पताल में पांच दिन तक रखा गया, जिसके बाद 21 जनवरी को उन्हें छुट्टी मिल गई। डॉक्टरों ने उन्हें सलाह दी कि वे कुछ दिन आराम करें। हमले के बाद सैफ के घर की सुरक्षा बढ़ा दी गई और उनके फ्लैट की सभी खिड़कियों और एसी डक्ट्स को जालीदार स्क्रीन से पैक कर दिया गया।
सैफ अली खान की अस्पताल से वापसी पर शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) के नेता संजय निरुपम ने सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “चाकू इतना गहरा घुसा था, छह घंटे तक ऑपरेशन चला, फिर भी पांच दिन में वे इतने फिट कैसे हो गए?” उन्होंने इसे मेडिकल चमत्कार बताते हुए डॉक्टरों और सैफ के परिवार से इस घटना पर खुलासा करने की मांग की।
निरुपम ने यह भी कहा कि इस घटना ने मुंबई की कानून-व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। उनके अनुसार, मीडिया में ऐसा माहौल बनाया गया कि मुंबई असुरक्षित हो गई है। उन्होंने सैफ की तेजी से ठीक होने की प्रक्रिया को अविश्वसनीय बताते हुए यह जानने की मांग की कि हमला कितना गंभीर था।
सैफ अली खान के स्वास्थ्य को लेकर शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता संजय राउत ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने सैफ के ठीक होने को "मेडिकल चमत्कार" करार दिया। राउत ने कहा, “सैफ हमारे देश के अच्छे कलाकार हैं। मंसूर अली खान पटौदी के बेटे और करीना कपूर के पति हैं। हम चाहते हैं कि वे स्वस्थ रहें। डॉक्टरों ने उनके इलाज में बेहतरीन काम किया है।”
संजय राउत ने इस घटना को लेकर सकारात्मक रुख अपनाया और सैफ के जल्द ठीक होने पर संतोष जताया।
संजय निरुपम के बयानों ने विवाद को और बढ़ावा दिया। जहां एक ओर उन्होंने सैफ की तेजी से ठीक होने की प्रक्रिया पर सवाल उठाए, वहीं दूसरी ओर संजय राउत ने इसे डॉक्टरों की कुशलता का परिणाम बताया। इस पूरे मामले में दो मुख्य पहलू सामने आए:
हमले के आरोपी मोहम्मद शरीफुल इस्लाम शहजाद को मुंबई पुलिस ने हिरासत में लिया है। पुलिस के अनुसार, शहजाद बिना वैध दस्तावेजों के भारत में रह रहा था और उसने अपना अपराध कबूल कर लिया है। पुलिस ने सैफ के घर में घटना स्थल का रीक्रिएशन भी किया और जांच के लिए आरोपी को साथ लेकर गई।
सैफ की पत्नी और अभिनेत्री करीना कपूर खान ने इस पूरे घटनाक्रम के दौरान मीडिया से दूरी बनाए रखी। वह सैफ को अस्पताल से घर लाने पहुंची थीं, लेकिन उन्होंने इस मामले पर कोई बयान नहीं दिया। सैफ के प्रशंसक भी इस घटना को लेकर चिंतित थे, लेकिन उनकी अस्पताल से छुट्टी मिलने पर राहत की सांस ली।
सैफ अली खान के हमले और उनकी तेजी से हुई रिकवरी को लेकर राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रिया मिलीजुली रही। एक ओर संजय निरुपम ने इसे पारदर्शिता का मुद्दा बनाया, वहीं दूसरी ओर संजय राउत ने इसे चिकित्सा की सफलता का उदाहरण बताया। इस मामले ने यह भी दिखाया कि सेलिब्रिटी जीवन में छोटी से छोटी घटना भी कितनी बड़ी बहस का विषय बन सकती है।
सैफ अली खान पर हुए हमले ने न केवल उनकी सुरक्षा बल्कि मुंबई की कानून-व्यवस्था और चिकित्सा प्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए। राजनेताओं के बयानों ने मामले को और जटिल बना दिया। हालांकि, इस घटना ने यह भी दिखाया कि सैफ के प्रति प्रशंसकों का प्यार और डॉक्टरों की मेहनत ने उन्हें जल्दी स्वस्थ होने में मदद की। भविष्य में इस घटना को लेकर और भी खुलासे होने की उम्मीद है, जो सैफ अली खान की सुरक्षा और मुंबई की कानून-व्यवस्था के मुद्दों पर प्रकाश डालेंगे।
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