हमले के बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन मंगोलिया पहुंचे, जहां उनकी गिरफ्तारी के लिए जारी अंतरराष्ट्रीय वारंट के बावजूद भव्य स्वागत किया गया।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन। (फोटो- सोशल मीडिया)
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने मंगलवार को कहा कि रूस ने दो बैलिस्टिक मिसाइल दागकर मध्य यूक्रेन स्थित एक शैक्षणिक प्रतिष्ठान तथा नजदीकी अस्पताल पर हमला किया, जिसमें कम से कम 41 लोग मारे गए और 180 अन्य घायल हो गए। अधिकारियों ने बताया कि यह हमला इसी नाम के क्षेत्र की राजधानी पोल्टावा शहर में हुआ। पोल्टावा रूस की सीमा से लगभग 110 किलोमीटर (70 मील) और कीव से लगभग 350 किलोमीटर (200 मील) दक्षिण-पूर्व में स्थित है।
अब से 900 दिन से अधिक पहले 24 फरवरी, 2022 को युद्ध शुरू होने के बाद से यह हमला रूसी सेना द्वारा किए गए सबसे घातक हमलों में से एक प्रतीत होता है। जेलेंस्की ने अपने टेलीग्राम चैनल पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में कहा, ‘‘संचार संस्थान की एक इमारत आंशिक रूप से नष्ट हो गई। लोगों ने खुद को मलबे के नीचे पाया। कई लोगों को बचा लिया गया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘बचाव अभियान में सभी आवश्यक सेवाएं शामिल हैं।’’
जेलेंस्की ने कहा कि जो कुछ हुआ उसकी उन्होंने ‘‘पूर्ण और त्वरित जांच’’ के आदेश दिए हैं। उन्होंने और ब्योरा उपलब्ध नहीं कराया। यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि हवाई हमले की चेतावनी जारी होने के तुरंत बाद मिसाइलों से तब हमला हुआ जब कई लोग आश्रय के लिए बंकरों की ओर जा रहे थे। इसने हमले को ‘‘बर्बर’’ करार दिया। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि बचाव दल और चिकित्सकों ने 25 लोगों को बचाया, जिनमें से 11 लोगों को मलबे से बाहर निकाला गया।
उधर, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन मंगलवार को मंगोलिया पहुंचे, जहां उनकी गिरफ्तारी के लिए जारी अंतरराष्ट्रीय वारंट के बावजूद उनका भव्य स्वागत किया गया। यूक्रेन पर मॉस्को के आक्रमण के दौरान हुए कथित युद्ध अपराधों को लेकर पुतिन के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय वारंट जारी किया गया था। द हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (आईसीसी) द्वारा लगभग 18 महीने पहले गिरफ्तारी वारंट जारी किए जाने के बाद यह पुतिन की आईसीसी के किसी सदस्य देश की पहली यात्रा है।
पुतिन की यात्रा से पहले यूक्रेन ने मंगोलिया से रूसी राष्ट्रपति को आईसीसी के हवाले करने का आह्वान किया था। वहीं, यूरोपीय संघ (ईयू) ने आशंका जताई कि मंगोलिया गिरफ्तारी वारंट पर अमल नहीं करेगा। ईयू ने कहा कि उसने मंगोलियाई प्राधिकारियों को इस संबंध में अपनी चिंताओं से अवगत करा दिया है। पुतिन के एक प्रवक्ता ने पिछले हफ्ते कहा था कि क्रेमलिन (रूस के राष्ट्रपति का आधिकारिक आवास) वारंट को लेकर चिंतित नहीं है। पुतिन की यात्रा ने मंगोलिया को असहज स्थिति में ला खड़ा किया है। गिरफ्तारी वारंट जारी किए जाने की सूरत में आईसीसी के सदस्य देश उक्त व्यक्ति को गिरफ्तार करने के लिए बाध्य होते हैं।
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