विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने कहा कि जिस तरीके से भारत के चुनाव के दौरान बीजेपी नेताओं ने पाकिस्तान की आलोचना की है और इसे लेकर बयानबाजी की है, उस पर पाकिस्तान ने जिम्मेदारी से काम लिया है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। (फोटो- सोशल मीडिया)
बीजेपी नेता नरेंद्र मोदी रविवार को तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। इसको लेकर उनको दुनिया के तमाम देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने बधाइयां और शुभकामनाएं भेजी हैं। पड़ोसी देश भूटान, नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश, मालदीव, मारीशस के अलावा अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस समेत कई यूरोपीय देशों के नेताओं ने भी बधाई संदेश भेजे हैं। हालांकि पाकिस्तान की ओर से नरेंद्र मोदी को कोई संदेश नहीं आया है। इसके विपरीत जब भी पाकिस्तान में नई सरकार बनी पीएम मोदी ट्वीट कर मुबारकबाद जरूर देते रहे हैं। दूसरी तरफ साल 2018 में जब पाकिस्तान में इमरान खान की पार्टी ने चुनाव जीता था, तब पीए्म मोदी ने उन्हें बधाई दी थी। इस साल के शुरुआत में शहबाज शरीफ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने थे तब भी पीएम मोदी ने उन्हें मुबारकबाद दिया था।
हालांकि पीएम मोदी के फिर से प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने से पहले पाकिस्तान की तरफ से एक बयान आया था, जिसमें पाकिस्तान ने अपने पड़ोसी देशों से रिश्तों सुधारने की बात कही है। पाकिस्तान ने कहा कि वह भारत सहित अपने सभी पड़ोसियों के साथ "दोस्ताना संबंध" चाहता है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह भारत के साथ सभी विवादों को बातचीत के जरिए सुलझाना चाहता है। हालांकि पाकिस्तान के इस बयान पर भारत ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने कहा कि भारत को यह पूरा अधिकार है कि वह अपने नेतृत्व को चुने और इसमें वे दखल नहीं देना चाहती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अभी भारत में सरकार बनी नहीं है, बल्कि सरकार बनाने की प्रक्रिया जारी है। ऐसे में इस पर अभी कोई टिप्पणी करना और पीएम मोदी को मुबारकबाद देना जल्दबाजी होगी। भारत में हाल में खत्म हुए लोकसभा चुनाव के दौरान पाकिस्तान के नेताओं ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी तथा आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की तारीफें की थीं। हालांकि इस पर बीजेपी ने कड़ी आपत्ति जताई थी। इसे लेकर पार्टी नेताओं ने अपने चुनावी भाषणों में पाकिस्तान की आलोचना भी की थी।
2019 में पुलवामा आंतकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्ते खराब हो गए थे। इस हमले के बाद भारत ने बालाकोट आतंकी कैंप पर हवाई हमला किया था। यही नहीं इन दोनों देशों के रिश्तों में तब भी खटास आई थी जब भारतीय संसद द्वारा जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को रद्द किया गया था। इसके बाद पाकिस्तान ने भारत से अपना रिश्ता कम कर दिया था।
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