सरकार ने लोगों से बिना जरूरी काम के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में न जाने की अपील की है। इस भीषण आपदा के बीच अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या सभी फंसे हुए मजदूरों को सुरक्षित निकाला जा सकेगा?
लाहौल-स्पीति, किन्नौर, कुल्लू, चंबा और शिमला के कई इलाके शेष राज्य से कट गए हैं। (Photo- Socia Media)
उत्तराखंड के चमोली जिले में कुदरत का कहर बरपा है। सीमांत माणा गांव के पास हिमस्खलन के कारण सीमा सड़क संगठन (BRO) के कैंप में काम कर रहे 57 मजदूर बर्फ के नीचे दब गए। इस हादसे के बाद इलाके में हड़कंप मच गया। अब तक 32 मजदूरों को सुरक्षित निकाल लिया गया है, जबकि बाकी की तलाश जारी है। लगातार बर्फबारी और खराब मौसम के कारण राहत कार्य में भारी दिक्कतें आ रही हैं। इस हादसे में झारखंड के मजदूरों के भी शामिल होने की आशंका है, जिससे चिंता और बढ़ गई है। प्रशासन ने इलाके में अलर्ट जारी कर दिया है और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है।
उत्तराखंड के चमोली जिले में बदरीनाथ के पास सीमांत माणा गांव में विनाशकारी हिमस्खलन ने शुक्रवार को भारी तबाही मचा दी। सीमा सड़क संगठन (BRO) के कैंप पर आए इस भयानक हिमस्खलन में 57 मजदूर बर्फ के नीचे दब गए, जिनमें से 32 को सुरक्षित निकाल लिया गया है, जबकि बाकी 25 की तलाश जारी है। लगातार गिरती बर्फ, खराब मौसम और ठंडी हवाओं के कारण राहत कार्य में भारी मुश्किलें आ रही हैं।
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस, सेना, आईटीबीपी, एसडीआरएफ और आपदा प्रबंधन विभाग की टीमें मौके पर पहुंचीं और बचाव कार्य शुरू किया, लेकिन अत्यधिक ठंड और भारी बर्फबारी राहत प्रयासों को बाधित कर रही है। बताया जा रहा है कि यह हिमस्खलन नर पर्वत से आया, जो इस क्षेत्र में पहले भी घातक साबित हो चुका है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, हिमस्खलन की चपेट में आए मजदूरों में झारखंड के भी कई श्रमिक शामिल हैं। हालांकि, उनकी सही संख्या की अभी पुष्टि नहीं हो पाई है। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोशल मीडिया पर चिंता जताते हुए बचाव कार्य तेज करने की अपील की। उन्होंने कहा, "मैं मरांग बुरु (आदिवासियों के देवता) से इस हादसे की चपेट में आए सभी श्रमिकों की सुरक्षा की प्रार्थना करता हूं।"
उत्तर भारत के कई इलाकों में भारी बर्फबारी और बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। कश्मीर घाटी में रातभर हुई बर्फबारी से रेल, हवाई और सड़क यातायात ठप हो गया है। जम्मू-कश्मीर सरकार ने मौसम को देखते हुए स्कूलों की छुट्टियां बढ़ा दी हैं, जबकि हिमाचल प्रदेश में करीब 200 सड़कें बंद हो गई हैं।
लाहौल-स्पीति, किन्नौर, कुल्लू, चंबा और शिमला के कई इलाके शेष राज्य से कट गए हैं। बर्फीले तूफान की चेतावनी जारी कर लोगों को घरों से बाहर न निकलने की सलाह दी गई है। पंजाब और हरियाणा में भी भारी बारिश दर्ज की गई, जिससे ठंड और बढ़ गई है।
उत्तराखंड प्रशासन और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन बल (NDRF) राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाने के प्रयास कर रहे हैं। हेलीकॉप्टर के जरिए बर्फ में फंसे मजदूरों को निकालने की कोशिश की जा रही है, लेकिन खराब मौसम के कारण अभियान में कठिनाई आ रही है।
सरकार ने लोगों से बिना जरूरी काम के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में न जाने की अपील की है। इस भीषण आपदा के बीच अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या सभी फंसे हुए मजदूरों को सुरक्षित निकाला जा सकेगा? बर्फीली तबाही के बीच जिंदगी और मौत की यह जंग अभी जारी है।
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