पिछले साल अक्टूबर में सीबीआई ने संजय रॉय को मुख्य आरोपी मानते हुए चार्जशीट दाखिल की। नवंबर 2022 से मामले का ट्रायल शुरू हुआ, जो अब अपने फैसले तक पहुंचा।
कोलकाता के चर्चित आरजी कर मेडिकल कॉलेज रेप-मर्डर केस में मुख्य आरोपी संजय रॉय। (फोटो- सोशल मीडिया)
कोलकाता के चर्चित आरजी कर मेडिकल कॉलेज रेप-मर्डर केस में मुख्य आरोपी संजय रॉय को सिविल कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। यह मामला बीते साल 9 अगस्त को तब सामने आया था, जब कॉलेज की एक पोस्ट-ग्रेजुएट डॉक्टर का शव तीसरी मंजिल पर अर्धनग्न हालत में मिला था। घटना के बाद कॉलेज में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे, और डॉक्टरों ने सेवाएं बंद कर दी थीं।
घटना के अगले ही दिन कोलकाता पुलिस ने सिविक वॉलंटियर संजय रॉय को संदेह के आधार पर हिरासत में लिया। डॉक्टरों के विरोध के बीच यह मामला 13 अगस्त को कलकत्ता हाई कोर्ट पहुंचा, जहां से इसे सीबीआई को सौंप दिया गया। 14 अगस्त को सीबीआई ने 25 सदस्यीय जांच टीम और एक फॉरेंसिक यूनिट का गठन किया। गहन जांच के बाद, पिछले साल अक्टूबर में सीबीआई ने संजय रॉय को मुख्य आरोपी मानते हुए चार्जशीट दाखिल की। नवंबर 2022 से मामले का ट्रायल शुरू हुआ, जो अब अपने फैसले तक पहुंचा।
सुनवाई के दौरान सीबीआई ने आरोपी के लिए फांसी की सजा की मांग की। हालांकि, अदालत ने उम्रकैद की सजा का फैसला सुनाया। कोर्ट ने आरोपी से संभावित सजा पर बयान देने का मौका भी दिया, लेकिन उसका रुख अस्पष्ट रहा। रॉय के वकील ने फांसी की सजा का विरोध करते हुए दलीलें पेश कीं।
यह मामला न केवल एक आपराधिक घटना था, बल्कि समाज में महिलाओं की सुरक्षा और चिकित्सा संस्थानों में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है। घटना के बाद देशभर में डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन किया, जिससे चिकित्सा सेवाएं प्रभावित हुईं।
संजय रॉय को उम्रकैद की सजा एक संदेश है कि न्यायिक प्रक्रिया अपराधियों को कड़ी सजा देने में सक्षम है। लेकिन यह भी जरूरी है कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सुरक्षा उपायों को सख्त बनाया जाए। यह मामला समाज में अपराध और न्याय के प्रति सोच में बदलाव की जरूरत को रेखांकित करता है।
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