Fake bomb threat: क्या भारत के लिए साजिश रच रहे हैं हवाई धमाकों के मास्टरमाइंड?

यह घटनाएं संकेत देती हैं कि अगर समय रहते इस तरह की धमकियों पर रोक नहीं लगाई गई, तो यह देश की सुरक्षा और अर्थव्यवस्था दोनों के लिए गंभीर चुनौती बन सकती हैं।

Fake bomb threat: क्या भारत के लिए साजिश रच रहे हैं हवाई धमाकों के मास्टरमाइंड?

विमानों में बम होने की धमकी से विमान सेवाओं पर तो असर पड़ ही रहा है, भारी आर्थिक क्षति भी हो रही है। (फोटो- सोशल मीडिया)

हाल के दिनों में भारत में हवाई यात्रा से जुड़ी धमकी भरी कॉल्स ने सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा दी है। एक सवाल तेजी से उभर रहा है कि क्या यह महज इत्तेफाक है या फिर एक गहरी साजिश? पिछले 12 दिनों में 275 से ज्यादा विमानों को बम से उड़ाने की धमकियां मिल चुकी हैं, जिससे न केवल एयरलाइनों को बल्कि यात्रियों को भी भारी परेशानी हो रही है।

हर धमकी का भारी असर

इन धमकियों का असर महज उड़ानों में देरी तक सीमित नहीं है। औसतन 5 से 7 घंटे की देरी से उड़ानों का शेड्यूल बुरी तरह प्रभावित होता है। इस दौरान एयरलाइनों को विमान खाली कराना, यात्रियों का ख्याल रखना और सुरक्षा जांच करना पड़ता है। इससे कंपनियों को वित्तीय नुकसान भी होता है, जो पिछले कुछ दिनों में करीब 500 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।

क्या आतंकियों का है हाथ?

सुरक्षा एजेंसियां यह जांच रही हैं कि आखिर इन धमकियों के पीछे किसका हाथ है। क्या ये धमकियां अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठनों का कोई नया तरीका है, या फिर खालिस्तान समर्थक इसमें शामिल हैं? जांच का फोकस इस पर भी है कि कहीं यह साजिश एयरलाइनों को भारी नुकसान पहुंचाने के इरादे से तो नहीं रची जा रही है। इसके लिए एजेंसियां गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और इंटरपोल से भी सहयोग ले रही हैं।

वीपीएन और डार्क वेब की चुनौती

कई कॉल्स वीपीएन और डार्क वेब का सहारा लेकर की जा रही हैं, जिससे इनका स्रोत पहचानना कठिन हो रहा है। हर धमकी के बाद एयरपोर्ट पर सुरक्षा बैठक होती है, जिसमें कॉल की गंभीरता को परखा जाता है। जब तक सभी जांच पूरी नहीं होती, उड़ान को रोका जाता है। इस पूरी प्रक्रिया में घंटों का समय लग जाता है।

यात्रियों को हो रही असुविधा

हर बार धमकी मिलने पर विमान को रोकना, यात्रियों को बाहर निकालना, और सुरक्षा जांच करना एक अनिवार्य प्रक्रिया है। देरी के कारण यात्रियों को भोजन, आवास जैसी सुविधाएं देनी पड़ती हैं। कुछ मामलों में यात्रियों को टिकट का पूरा पैसा भी लौटाना पड़ता है। ऐसे में एयरलाइनों का खर्च और बढ़ जाता है।

सख्त कदम उठाने की तैयारी में सरकार

केंद्र सरकार ने इन घटनाओं को देखते हुए एयर क्रॉफ्ट सेफ्टी एक्ट को और कठोर बनाने का विचार किया है। एक प्रस्ताव में धमकी देने वालों को नो-फ्लाई लिस्ट में डालने का प्रावधान है, जो उन्हें हवाई यात्रा से पूरी तरह प्रतिबंधित कर सकता है। एजेंसियां इन कॉल्स की जांच में लगी हैं, और इस मामले में इंटरपोल से भी सहयोग लिया जा रहा है।

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