हमादी की हत्या के बाद क्षेत्र में अस्थिरता और बढ़ गई है। इस घटना से लेबनान और इजरायल के बीच चल रही शांति प्रक्रिया पर भी अनिश्चितता छा गई है।
हिजबुल्लाह के टॉप कमांडर शेख मोहम्मद अली हमादी। (फोटो- सोशल मीडिया)
लेबनान (Lebanon) के पूर्वी क्षेत्र बेका घाटी में मंगलवार को हिजबुल्लाह (Hezbollah) के टॉप कमांडर शेख मोहम्मद अली हमादी (Sheikh Mohammed Ali Hammadi) की गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह घटना माचगारा इलाके में हुई, जहां अज्ञात हमलावरों ने चलती गाड़ी से उस पर छह गोलियां चलाईं। हमादी को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
हमले के समय वह अपने घर के पास मौजूद था। दो वाहनों में सवार होकर आए हमलावरों ने उसको एक के बाद एक छह गोलियां मारीं। अभी तक इस हत्या की जिम्मेदारी किसी समूह या व्यक्ति ने नहीं ली है। लेबनानी अधिकारियों ने इस घटना की जांच शुरू कर दी है और इसे वर्षों पुराने पारिवारिक विवाद से जोड़कर देखा जा रहा है।
हमादी का नाम अमेरिकी सुरक्षा एजेंसी FBI की मोस्ट-वांटेड आतंकवादियों की लिस्ट में दशकों तक शामिल रहा। वह 1985 में एक हाई-प्रोफाइल आतंकवादी हमले के लिए कुख्यात था, जब उसने पश्चिमी जर्मन एयरलाइन लुफ्थांसा फ्लाइट 847 को हाइजैक कर लिया था। इस विमान में 153 यात्री सवार थे, जिनमें कई अमेरिकी नागरिक भी शामिल थे। हाइजैक के दौरान एक अमेरिकी नागरिक को टॉर्चर किया गया और बाद में उसकी हत्या कर दी गई। यह घटना उस समय दुनिया भर में चर्चा का विषय बनी थी।
हमादी की हत्या ऐसे समय पर हुई है, जब लेबनान और इजरायल के बीच संघर्ष विराम समझौते का समय समाप्त होने वाला है। 60-दिन के इस समझौते के तहत इजरायल को 26 जनवरी तक दक्षिणी लेबनान से अपनी सेना हटानी है, जबकि हिजबुल्लाह को लितानी नदी के उत्तर की ओर लौटना होगा।
इस संघर्ष ने अब तक हजारों लोगों की जान ली है और लाखों को विस्थापित कर दिया है। लेबनानी अधिकारियों के अनुसार, इजरायल की बमबारी में अब तक 3,700 से अधिक लेबनानी नागरिक मारे गए हैं, जबकि इजरायल में 130 से अधिक लोगों की मौत हुई है।
हमादी की हत्या के पीछे के कारणों को लेकर अभी कई सवाल खड़े हो रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह घटना पारिवारिक विवाद का नतीजा हो सकती है। हालांकि इसकी पुष्टि अभी तक नहीं हुई है। इस हत्या से लेबनान और इजरायल के बीच पहले से मौजूद तनाव और बढ़ने की आशंका है।
हमादी की हत्या के बाद क्षेत्र में अस्थिरता और बढ़ गई है। इस घटना से लेबनान और इजरायल के बीच चल रही शांति प्रक्रिया पर भी अनिश्चितता छा गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इस मामले को जल्द सुलझाया नहीं गया, तो यह क्षेत्र में और अधिक हिंसा को जन्म दे सकता है।
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