Donald Trump took oath of president: अमेरिका में स्वर्ण युग लाने के वादे के साथ डोनाल्ड ट्रंप ने 47वें राष्ट्रपति के रूप में ली शपथ

Donald Trump Inaugration, Oath Ceremony Today Hindi News Updates: शपथ लेने के तुरंत बाद ट्रंप ने राष्ट्र के अपने पहले संबोधन में 'अमेरिका फर्स्ट' की नीति पर जोर देते हुए कहा कि वह हर फैसले में अमेरिका के हित को प्राथमिकता देंगे।

Donald Trump took oath of president: अमेरिका में स्वर्ण युग लाने के वादे के साथ डोनाल्ड ट्रंप ने 47वें राष्ट्रपति के रूप में ली शपथ

शपथ लेने के बाद राष्ट्र के नाम संबोधन करते राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप। (फोटो- डीडी न्यूज लाइव वीडियो)

Donald Trump Inaugration: डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को वाशिंगटन डीसी के कैपिटल रोटुंडा में आयोजित एक भव्य समारोह में अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। यह व्हाइट हाउस में उनका दूसरा कार्यकाल है, जिसमें उन्होंने 'मेक अमेरिका ग्रेट अगेन' के नारे के साथ अमेरिका को नई दिशा देने का संकल्प दोहराया। इस मौके पर उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने भी अपने पद की शपथ ली। भीषण ठंड के पूर्वानुमान के कारण यह शपथ ग्रहण समारोह बंद कमरे में आयोजित किया गया। शपथ ग्रहण समारोह में विश्व के कई नेताओं, उद्योगपतियों और खास मेहमानों ने भाग लिया। शपथ लेने के तुरंत बाद ट्रंप ने राष्ट्र के अपने पहले संबोधन में 'अमेरिका फर्स्ट' की नीति पर जोर देते हुए कहा कि वह हर फैसले में अमेरिका के हित को प्राथमिकता देंगे। शपथ ग्रहण के मौके पर उन्होंने जनता को भरोसा दिलाया कि उनकी नीतियां देश की प्रगति और सुरक्षा के लिए समर्पित रहेंगी। उन्होंने कहा कि उनका प्रशासन देश के स्वर्णिम युग की शुरुआत करेगा। ट्रंप ने वादा किया, “आज से अमेरिका फलेगा-फूलेगा और दुनिया में सम्मानित होगा।”

शपथ ग्रहण और उद्घाटन भाषण

शपथ ग्रहण के बाद ट्रंप ने अपने भाषण में कहा, “आज से अमेरिका का स्वर्ण युग शुरू हो गया है। अब दुनिया में कोई भी देश हमारा इस्तेमाल नहीं कर पाएगा। हमारी संप्रभुता और सुरक्षा बहाल की जाएगी। यह दिन अमेरिकियों के लिए स्वतंत्रता का प्रतीक बनेगा।” ट्रंप ने यह भी घोषणा की कि अमेरिका में सेंसरशिप समाप्त की जाएगी और न्याय विभाग का पक्षपातपूर्ण उपयोग नहीं होगा।

नई नीतियों की घोषणा

अपने पहले दिन, ट्रंप ने राष्ट्रीय सुरक्षा और सीमा नियंत्रण को प्राथमिकता देते हुए अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा की। उन्होंने कहा, "अवैध प्रवास को तुरंत रोका जाएगा, और अपराधी प्रवासियों को उनके देश वापस भेजा जाएगा।" ट्रंप ने यह भी संकेत दिया कि वे 200 से अधिक कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर कर सकते हैं, जिनमें कई अहम नीतिगत निर्णय शामिल होंगे।

इतिहास में दुर्लभ वापसी

131 साल बाद ट्रंप ने ग्रोवर क्लीवलैंड के बाद इतिहास रचते हुए व्हाइट हाउस में चार साल के अंतराल के बाद वापसी की है। ग्रोवर क्लीवलैंड 1885-1889 और 1893-1897 के बीच दो बार राष्ट्रपति रहे थे। ट्रंप ने इस अद्वितीय उपलब्धि को हासिल कर एक बार फिर अपनी नेतृत्व क्षमता का प्रदर्शन किया।

पीएम मोदी ने दी बधाई

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्रंप को उनके दूसरे कार्यकाल के लिए बधाई दी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "मेरे प्रिय मित्र डोनाल्ड ट्रंप को 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने पर बधाई। भारत और अमेरिका के लिए हम मिलकर काम करेंगे।”

उद्धाटन भाषण में प्रमुख बिंदु

  • अमेरिका की संप्रभुता बहाल होगी।
  • राष्ट्रीय सुरक्षा और सीमा नियंत्रण सर्वोच्च प्राथमिकता होगी।
  • न्याय विभाग में निष्पक्षता लाने की बात।
  • सेंसरशिप को समाप्त करने की प्रतिबद्धता।
  • अमेरिका को एक समृद्ध, गौरवपूर्ण और स्वतंत्र राष्ट्र बनाने का वादा।

कार्यक्रम की विशेषताएं

इस बार शपथ ग्रहण समारोह कड़ाके की ठंड के कारण यूएस कैपिटल के अंदर आयोजित किया गया। ट्रंप ने अपने भाषण में 'अमेरिका फर्स्ट' की नीति पर जोर देते हुए कहा, “हमारा देश अब समृद्ध और सम्मानित होगा। हम किसी देश को खुद का फायदा उठाने की अनुमति नहीं देंगे।”

अगले कदम और चुनौतियां

अपने दूसरे कार्यकाल में ट्रंप को घरेलू और वैश्विक चुनौतियों का सामना करना होगा। अमेरिका के विभाजनकारी राजनीति, आर्थिक असमानता और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में संतुलन बनाना उनके लिए अहम प्राथमिकता होगी।

डोनाल्ड ट्रंप ने अपने उद्घाटन भाषण के साथ अमेरिका में स्वर्ण युग की शुरुआत का वादा किया है। उनके नेतृत्व में अमेरिका कैसे आगे बढ़ेगा, यह देखने के लिए दुनिया की नजरें उन पर टिकी हैं।

समारोह से पहले विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारत का प्रतिनिधित्व किया और क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों से मुलाकात की। जयशंकर ने अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के विदेश मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय मुद्दों और क्षेत्रीय सहयोग पर चर्चा की। यह बैठक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत-अमेरिका के संबंधों की प्रगाढ़ता को दर्शाती है।

इस बीच, निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपने परिवार समेत कई प्रमुख लोगों को क्षमादान जारी किया। बाइडेन ने इसे एक ‘एहतियाती कदम’ बताया और स्पष्ट किया कि यह माफी किसी अपराध की स्वीकारोक्ति नहीं है। बाइडेन का यह कदम ट्रंप प्रशासन के संभावित प्रतिशोध से बचाव के रूप में देखा जा रहा है।

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