Birthright Citizenship: डोनाल्ड ट्रंप ने शपथ लेते ही लिया बड़ा फैसला, भारतीयों के लिए बढ़ीं मुश्किलें; जानिए क्या है पूरा मामला

अमेरिका में पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्रों के लिए यह फैसला चुनौतीपूर्ण होगा। उनके बच्चों को नागरिकता पाने के लिए कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा।

Birthright Citizenship: डोनाल्ड ट्रंप ने शपथ लेते ही लिया बड़ा फैसला, भारतीयों के लिए बढ़ीं मुश्किलें; जानिए क्या है पूरा मामला

डोनाल्ड ट्रंप का यह कदम अमेरिकी इमिग्रेशन नीति में बड़ा बदलाव है। (Photo- Social Media)

डोनाल्ड ट्रंप ने 20 जनवरी 2025 को अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेते ही एक बड़ा फैसला लिया। उन्होंने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर अमेरिका में जन्मसिद्ध नागरिकता (बर्थराइट सिटीजनशिप) को समाप्त करने का एलान किया। यह कानून 150 वर्षों से लागू था और इसे समाप्त करने का निर्णय अमेरिका के इमिग्रेशन कानून में बड़ा बदलाव है। इसका सबसे ज्यादा असर भारतीय समुदाय पर पड़ने वाला है।

क्या है जन्मसिद्ध नागरिकता?

अमेरिकी संविधान के 14वें संशोधन के तहत अमेरिका में जन्म लेने वाले किसी भी व्यक्ति को उसके माता-पिता की नागरिकता या इमिग्रेशन स्थिति की परवाह किए बिना अमेरिकी नागरिकता दी जाती है। यह प्रावधान 1868 से लागू है और अप्रवासियों के बच्चों को नागरिकता प्रदान करता रहा है।

ट्रंप के आदेश का असर

ट्रंप के नए आदेश के मुताबिक, अमेरिका में जन्मे बच्चों को तभी नागरिकता मिलेगी, जब उनके माता-पिता में से कम से कम एक अमेरिकी नागरिक, ग्रीन कार्ड धारक या अमेरिकी सेना का सदस्य हो। इस बदलाव का उद्देश्य अवैध अप्रवास को रोकना और जन्म पर्यटन पर लगाम लगाना है।

कानूनी चुनौतियां

इस आदेश की वैधता पर सवाल उठ रहे हैं। अमेरिकी संविधान का 14वां संशोधन इसे सुरक्षित करता है, और इसे बदलने के लिए संवैधानिक संशोधन की आवश्यकता होगी। कानूनी विशेषज्ञ इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की संभावना जता रहे हैं।

भारतीय-अमेरिकियों पर प्रभाव

अमेरिका में 48 लाख से अधिक भारतीय-अमेरिकी रहते हैं। इनमें से कई भारतीय अप्रवासी कार्य वीजा (H-1B) या ग्रीन कार्ड पर हैं। यदि यह नीति लागू होती है, तो उनके बच्चों को अब ऑटोमैटिक नागरिकता नहीं मिलेगी। इससे हजारों परिवार प्रभावित होंगे, जिनकी नागरिकता की स्थिति अनिश्चित हो जाएगी।

ग्रीन कार्ड धारकों के लिए मुश्किलें

भारतीय ग्रीन कार्ड धारकों को पहले से ही लंबा इंतजार करना पड़ता है। अब उनके बच्चों को नागरिकता प्राप्त करने के लिए और जटिल प्रक्रियाओं से गुजरना होगा। इससे पारिवारिक अलगाव और कठिनाइयों में वृद्धि हो सकती है। अमेरिका में पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्रों के लिए यह फैसला चुनौतीपूर्ण होगा। उनके बच्चों को नागरिकता पाने के लिए कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। यह फैसला लाखों अप्रवासी परिवारों को कानूनी असमंजस में डाल सकता है। भारतीय समुदाय, जो अमेरिका की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अप्रवासी आबादी है, इसके प्रभावों का सामना करेगा। डोनाल्ड ट्रंप का यह कदम अमेरिकी इमिग्रेशन नीति में बड़ा बदलाव है। हालांकि, इसके कानूनी और सामाजिक परिणाम आने वाले समय में देखने को मिलेंगे।

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