भाजपा का घोषणापत्र वादों से भरा हुआ है, लेकिन इसका प्रभाव मतदाताओं पर तभी पड़ेगा जब पार्टी इन्हें प्रभावी ढंग से प्रचारित कर पाएगी।
नई दिल्ली में बीजेपी के संकल्प पत्र को जारी करते हुए वरिष्ठ नेता अनुराग ठाकुर। (फोटो- सोशल मीडिया)
भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए अपने घोषणापत्र के दूसरे भाग का अनावरण करते हुए कई बड़े वादे किए हैं। यह घोषणापत्र मतदाताओं को भाजपा की ओर आकर्षित करने के लिए रणनीतिक रूप से तैयार किया गया है। लेकिन सवाल यह है कि क्या ये वादे भाजपा की चुनावी स्थिति को मजबूत कर पाएंगे? पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता अनुराग ठाकुर ने मंगलवार को आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए भारतीय जनता पार्टी के संकल्प पत्र (घोषणापत्र) के दूसरे भाग को जारी किया।
घोषणापत्र में शिक्षा पर विशेष जोर दिया गया है। भाजपा ने सरकारी संस्थानों में जरूरतमंद छात्रों के लिए किंडरगार्टन से स्नातकोत्तर स्तर (KG to PG) तक मुफ्त शिक्षा का वादा किया है। यूपीएससी और राज्य पीसीएस जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए 15,000 रुपये तक की आर्थिक सहायता की घोषणा युवाओं के बीच सकारात्मक संदेश भेज सकती है। अनुसूचित जाति समुदाय के छात्रों के लिए वजीफा योजना और तकनीकी कौशल के लिए आईटीआई और पॉलिटेक्निक केंद्रों का प्रावधान भी एक सराहनीय कदम है।
ऑटो-टैक्सी चालक कल्याण बोर्ड और घरेलू कामगार कल्याण बोर्ड के गठन का वादा उन वर्गों के लिए राहत का संदेश है, जिन्हें आमतौर पर मुख्यधारा की योजनाओं में जगह नहीं मिलती। जीवन और दुर्घटना बीमा जैसी योजनाएं इन वर्गों के बीच भाजपा के लिए सकारात्मक धारणा बना सकती हैं।
महिलाओं के लिए मातृ सुरक्षा वंदना योजना और वरिष्ठ नागरिकों के लिए मासिक पेंशन योजना भाजपा को महिलाओं और बुजुर्गों का समर्थन दिलाने में मदद कर सकती है। ये योजनाएं एक बड़े वोट बैंक को प्रभावित करने की क्षमता रखती हैं।
भाजपा ने आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार पर अनियमितताओं और घोटालों के आरोप लगाए हैं और सत्ता में आने पर एसआईटी जांच का वादा किया है। हालांकि, यह रणनीति पहले भी आजमाई जा चुकी है और मतदाता इसे किस रूप में देखते हैं, यह चुनाव परिणाम तय करेगा।
2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों में भाजपा को क्रमशः तीन और आठ सीटों पर ही सफलता मिली थी। 27 वर्षों से दिल्ली में सत्ता से बाहर भाजपा के लिए यह चुनाव एक बड़ा अवसर और चुनौती दोनों है। भाजपा का घोषणापत्र वादों से भरा हुआ है, लेकिन इसका प्रभाव मतदाताओं पर तभी पड़ेगा जब पार्टी इन्हें प्रभावी ढंग से प्रचारित कर पाएगी। चुनावी मैदान में आप सरकार की मजबूत पकड़ और जनता की उम्मीदों के बीच भाजपा को अपना स्थान बनाना होगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि मतदाता इन वादों को किस नजरिए से देखते हैं।
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