ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने तो एलानिया, ईरान के एलीट रिवोल्यूशनरी गार्ड को सीधे आदेश दे दिया है कि वे इजरायल पर हमला करें।
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला सैय्यद अली होसैनी खामेनेई (बाएं), तेहरान में हमास नेता इस्माइल हनियाह के अंतिम संस्कार में उमड़ी भीड़ और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (दाए) । (फोटो- सोशल मीडिया)
तेहरान में हमास नेता इस्माइल हनियाह की हत्या के बाद भीषण युद्ध की तैयारी शुरू हो गई है। इजरायल के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की रणनीति बनाने के लिए लेबनान, इराक और यमन की सरकार, सेना और खुफिया विभाग के लोग ईरान पहुंच गए हैं। रॉयटर्स ने खबर दी है कि ईरान के साथ लेबनान भी इजरायल को नेस्तनाबूद करने पर आमादा है, क्योंकि तेहरान में इस्माइल हनियाह की हत्या से एक दिन पहले लेबनान की राजधानी बेरूत में इजरायल ने ही हिजबुल्लाह के वरिष्ठ कमांडर की हत्या कर दी थी। अब ईरान के साथ हमास, इस्लामिक जिहाद के प्रतिनिधि, यमन में सक्रिय हौथी विद्रोही, लेबनान के हिजबुल्लाह और इराकी लड़ाके भी साथ आ चुके हैं और एक साथ तेहरान में बैठकर रणनीति बना रहे हैं। वे इजरायल के खिलाफ़ बड़ी जवाबी कार्रवाई करने का मंसूबा बना चुके हैं।
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने तो एलानिया, ईरान के एलीट रिवोल्यूशनरी गार्ड को सीधे आदेश दे दिया है कि वे इजरायल पर हमला करें। ईरान के सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ जनरल मोहम्मद बाकेरी ने स्टेट टीवी पर आकर कहा है कि ईरान और अन्य प्रतिरोध दल किस तरह से इजरायल को जवाब देंगे, इसकी तैयारी की जा रही है... जवाब निश्चित रूप से होगा और ऐसा होगा कि इज़रायल लंबे समय तक पछतावा करेगा। उल्लेखनीय है कि ईरान के नए राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने आए इस्माइल हनियाह की हत्या 31 जुलाई को तड़के कर दी गई थी। हत्या का आरोप सीधे इज़रायल पर लगाया गया है।
इस्माइल हनियाह की हत्या कैसे की गई, इसे लेकर अलग अलग कयास लगाए जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि तेहरान के गेस्टहाउस में पहले से ही गुप्त रूप से तस्करी करके लाए गए विस्फोटक उपकरण से हत्या की गई। अमेरिकी मीडिया ने दो ईरानी और एक अमेरिकी अधिकारी के हवाले से खबर दी है कि गेस्टहाउस में लगभग दो महीने पहले से ही बम छिपा कर रखा गया था। गेस्टहाउस की सुरक्षा इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स करते हैं। उत्तरी तेहरान के एक पॉश इलाके में नेशात नामक एक बड़े परिसर में यह गेस्ट हाउस बनाया गया था। हमास के सबसे बड़े नेता इस्माइल हनियाह इसी गेस्ट हाउस में हमेशा रुकते थे।
इजरायल पर किसी इस्लामी नेता की देश के बाहर जाकर हत्या करने का यह कोई पहला आरोप नहीं है, बल्कि अपने विरोधी नेताओं की हत्या का इजरायल का लंबा इतिहास रहा है। 1990 के दशक के मध्य में इजरायली खुफिया सेना ने हमास के मुख्य विस्फोटक विशेषज्ञों में से एक याह्या अय्याश की हत्या कर सनसनी मचा दी थी। 5 जनवरी, 1996 को गाजा शहर में अय्याश को इजरायल ने मार गिराया था। एक फ़ोन कॉल के दौरान उसका सेल फ़ोन फट गया और वह मर गया। इजरायल की आंतरिक सुरक्षा सेवा शिन बेट ने तब दूर से ही विस्फोट करा दिया था। इसी तरह हमास की सैन्य शाखा अल-क़स्साम ब्रिगेड के संस्थापकों में से एक सलाह शेहादेह को 22 जुलाई, 2002 को गाजा शहर में उसके घर पर ही हवाई हमले कर उसकी हत्या कर दी गई थी।
इजरायल ने फ़िलिस्तीनी इंतिफ़ादा (विद्रोह) के शेख अहमद यासीन की भी हत्या कर दी थी। यासीन की हत्या के एक महीने से भी कम समय बाद, इजरायल की हत्या मशीन ने उनके उत्तराधिकारी अब्देल अजीज अल-रंतिसी को भी निशाना बना लिया। 56 वर्षीय रंतिसी को 17 अप्रैल, 2004 को इजरायली सेना ने एक लक्षित मिसाइल से मार डाला था। हमास का एक और शीर्ष कमांडर अहमद जबारी भी इज़रायली हत्या मशीन का शिकार बना। अल-क़स्साम ब्रिगेड के ऑपरेशनल कमांडर जबारी की नवंबर 2012 में गाजा शहर में एक कार पर हमले में मौत हुईं थी। वरिष्ठ हमास अधिकारी सालेह अल-अरोरी की भी जनवरी 2024 में लेबनान की राजधानी बेरूत के दहियाह में ड्रोन हमले में इजरायल ने खत्म कर दिया।
7 अक्टूबर को इजरायल पर हमले के साथ शुरू हुआ युद्ध का यह नया अध्याय कहां जाकर रुकेगा यह कहना अब मुश्किल है। इजरायल के प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने साफ कहा है कि हमास के सभी नेताओं की मौत तक युद्ध नहीं रुकेगा। उन्होंने यह भी ऐलान किया था कि हमास के लोग चाहे कहीं भी हों, उन्हें ढूंढ कर मार दिया जाएगा। शिन बेट के प्रमुख रोनेन बार भी यह कहते सुने गए कि हमास के नेताओं को गाजा में, पश्चिमी तट में, लेबनान में, तुर्की में, कतर में, हर जगह मार दिया जाएगा।
हमास नेता इस्माइल हनियाह की अंतिम यात्रा में जिस तरह हजारों लोग तेहरान की सड़कों पर उमड़ पड़े, उससे ईरान पर उनकी हत्या का बदला लेने का दवाब और बढ़ गया है। ईरान के नए राष्ट्रपति कई विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। पूरे ईरान में हनियाह के पोस्टर बांटे गए और फिलिस्तीन, लेबनान के हिजबुल्लाह व हमास के झंडे हवा में लहराए गए। दिवंगत ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी के भी बैनर लहराए गए, जिन्हें 2020 में अमेरिका ने एक ड्रोन हमले के जरिए मार गिराया था। मेहमान के खून का बदला मेजबान ईरान लेगा, इस तरह की हेडिंग अखबारों में खूब छप रही हैं। तेहरान के दक्षिण में शिया शहर क़ोम की मशहूर जामकरन मस्जिद पर लाल झंडा फहराया गया, ताकि खून के वादे को दिखाया जा सके। तेहरान की मिलाद टॉवर पर भी रात भर लाल रंग की लाइटें जगमगाती रही।
जैसे-जैसे इस क्षेत्र में व्यापक युद्ध का खतरा मंडरा रहा है, वैसे वैसे इस संघर्ष के विस्तार को लेकर लोग चिंतित भी नजर आ रहे हैं। युद्ध कितना भीषण और लंबा होगा यह काफी हद तक ईरान की प्रतिक्रिया पर निर्भर करेगा। अगर ईरान के किसी हमले में इजरायली मारे जाते हैं, तो यह खतरनाक रूप ले सकता है, क्योंकि इजरायली किसी को भी बख्शने के लिए तैयार नहीं हैं। 7 अक्टूबर को दक्षिणी इजरायल में घुसपैठ कर जिस फिलिस्तीनी गुट दौरान 1,139 लोग मार डाले, इजरायली उस समूह को पूरी तरह कुचल देने का ऐलान कर चुके हैं। उसी के तहत हनियाह और अन्य हमास नेताओं को मारने का क्रम जारी है। यदि ईरान भी इसी तरह का कोई ऑपरेशन करता है तो इजरायल को रोकना एक मुश्किल काम होगा।
अमेरिका यह कह रहा है कि उसे हनियाह पर हमले के बारे में कोई जानकारी नहीं है और ना थी, लेकिन यदि किसी ने उसे लेकर इजरायल पर हमला करता है तो वह उसके बचाव में सीधे आ सकता है। हालांकि कुछ मध्यस्थों के माध्यम से अमेरिका, ईरान को यह समझाने की कोशिश कर रहा है कि वह इजरायल पर हमला ना करे। लेकिन ईरान ने जोरदार तरीके से इसे खारिज कर दिया है।
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